खोज
हिन्दी
  • English
  • 正體中文
  • 简体中文
  • Deutsch
  • Español
  • Français
  • Magyar
  • 日本語
  • 한국어
  • Монгол хэл
  • Âu Lạc
  • български
  • Bahasa Melayu
  • فارسی
  • Português
  • Română
  • Bahasa Indonesia
  • ไทย
  • العربية
  • Čeština
  • ਪੰਜਾਬੀ
  • Русский
  • తెలుగు లిపి
  • हिन्दी
  • Polski
  • Italiano
  • Wikang Tagalog
  • Українська Мова
  • अन्य
  • English
  • 正體中文
  • 简体中文
  • Deutsch
  • Español
  • Français
  • Magyar
  • 日本語
  • 한국어
  • Монгол хэл
  • Âu Lạc
  • български
  • Bahasa Melayu
  • فارسی
  • Português
  • Română
  • Bahasa Indonesia
  • ไทย
  • العربية
  • Čeština
  • ਪੰਜਾਬੀ
  • Русский
  • తెలుగు లిపి
  • हिन्दी
  • Polski
  • Italiano
  • Wikang Tagalog
  • Українська Мова
  • अन्य
शीर्षक
प्रतिलिपि
आगे
 

मांस के हानिकारक प्रभावों पर सुप्रीम मास्टर चिंग हाई, भाग 1 - स्वास्थ्य पर दुखद टोल

विवरण
डाउनलोड Docx
और पढो
आज, हम मानव स्वास्थ्य पर मांस के विनाशकारी प्रभाव के विषय पर ध्यान देंगे, जो न केवल कुछ घातक बीमारियों के प्रत्यक्ष कारण है, बल्कि वैश्विक स्तर की महामारीओं के भी प्रमुख स्रोत है जैसे कि वह जो हम वर्तमान में सामना कर रहे हैं।

सच्चाई यह है कि कोविड-19 जानवरों से, जंगली जानवरों से निकली है, उस जंगली जानवरों के बाजार से। और वे मनुष्यों द्वारा सभी जगह फैलाए गए हैं। पूरे चीन में, पूरी दुनिया में, क्योंकि पर्यटक हमेशा होते हैं। या मनुष्यों के संसाधनों या मनुष्यों की श्रमशक्ति, या अध्ययन करने वाले मनुष्यों, या सहकार्य करते मनुष्यों का आदान-प्रदान से। आजकल दुनिया भर में हर जगह हमेशा इंसान दौड़ते रहते हैं। इसलिए, ये वाहक दुनिया भर में तनाव फैलाते हैं, और यह वहां से उपजी है। (हाँ। इसलिए, उन अफवाहें, क्योंकि मैंने इंटरनेट पर देखा कुछ मीडिया आउटलेट कह रहे थे कि शायद यह एक प्रयोगशाला से आया है।) नहीं। यह किसी भी प्रयोगशाला से आया नहीं था। यह जंगली जानवरों से आया है जंगली जानवरों के बाजार से । और ठीक वुहान से। मैंने स्वर्ग से और महामारी के देवताओं के साथ अंदर चेक की है।

आप देखिए, क्या अस्पताल मांसाहारियों से भरे नहीं? (हाँ।) हम वीगन भिक्षु और भिक्षुणियां शायद ही कभी अस्पताल जाते हैं। दक्षिण में मुर्गियां, सुअरें और मछलियां अधिक संख्या में पाले जाते हैं। (हाँ।) अब यह डेंगू बीमारी से ग्रस्त है। उत्तर में यह नहीं है। यह केवल दक्षिण में है। अब तक हमारे पास यह महामारी नहीं थी, न ही ताइवान (फॉर्मोसा) ने इतने मुर्गियां और सूअरें पाले और इस तरह की असाध्य बीमारी पैदा की। अब फ़ॉर्मोसा में हमारे पास कई असाध्य बिमारीयां हैं (हाँ।) । फॉर्मोसा बहुत साफ हुआ करता था। इसे परी द्वीप कहा जाता था। अब क्योंकि हम बहुत अधिक मांस खाते हैं और बहुत सारे मुर्गियां और सूअरें पालते हैं, इसलिए हमारे यहां अधिक गंभीर बीमारियां हैं। यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती है, मैंने सुना। इसलिए यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि कर्म तेजी से काम कर रहा है, आपको मुझसे प्रश्न पूछने की आवश्यकता नहीं है। सबसे अच्छा है पूरे देश को वीगन में बदलना। तब किसी को भी इस तरह की असाध्य बीमारी नहीं होगी। अगर है भी, तो उनका इलाज करना आसान होगा।

जब हम मारेंगे तो हम भी बेवजह मारे जाएंगे। जब हम जीवन को अप्राकृतिक रूप से छीनते हैं, तो हमारा जीवन भी अप्राकृतिक रूप से छीना जाएगा। देखिए दुनिया में कितनी बीमारियाँ हैं, आपदा की तो बात ही नहीं। कितने अस्पताल है मरीजों से भरे हुए, आजकल लोग अधिक मांस, अधिक पशु उत्पादों का खर्च उठा सकते हैं, देखें कि लोग कितने बीमार हो गए हैं, अस्पताल कितने भरे हुए हैं। यही कारण है कि हमें क्या भुगतना होगा जब हम जानवरों को खाने के लिए मारते हैं या अप्रत्यक्ष रूप से मारते हैं क्योंकि हम खाते हैं, इसलिए किसी और को मारना पड़ता है। इसलिए, मैं किसी और चीज से ज्यादा इस समस्या को सुलझाना चाहती हूं क्योंकि यह एकमात्र ऐसी चीज है जो हम तेजी से कर सकते हैं। वैज्ञानिक विकास से तेजी से, प्रौद्योगिकी विकास से तेजी से, सरकारों की प्रतिक्रियाओं से भी तेजी से, आसान है, सरल है, और बस यह करो, हमारी खातिर, बच्चों की खातिर।

अब, अगर हर कोई इस मांस खाने की आदत को नहीं छोडता, तो हमारे ग्रहों का भाग्य भी शौचालय में जाने वाला है। अभी, यह पहले से ही भयावह है, लेकिन मैं भविष्य में नहीं जानती, यहां तक कि वैज्ञानिक भी कहते हैं, कि जब वे अधिक घातक वायरस में परिणत हो जाते हैं, तो यह अधिक भयावह हो सकता है। सभी टीकों के साथ भी, हम इसके खिलाफ असहाय होंगे। मैंने आपसे कहा था, हम बुरे कर्म के प्रतिफल के खिलाफ असहाय हैं। हम जो करते हैं, उसे भोगते हैं। अब यह वैक्सीन भी, लोग टीकों से डरते हैं; यहां तक कि जिन लोगों ने टीके विकसित किए हैं, वे भी भयानक दुष्प्रभावों के कारण टीके लेने की हिम्मत नहीं करते हैं - वे हमेशा के लिए लकवाग्रस्त हो सकते हैं। वे वैक्सीन से मर सकते हैं। इसलिए वे इसे इनकार करते हैं। यह एक भयानक बात है, ऐसा नहीं है कि हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं। और मांस उद्योग इन सब के लिए जिम्मेदार है! इसलिए हमें इन सारी परेशानीओं की जड़ को रोकना होगा, न कि वैक्सीन से, बल्कि सदाचार से, स्वर्गीय गुणवत्ता से, जो पहले ही हमारे अंदर निहित है। हम बस इसे बाहर निकालते हैं और इसका उपयोग करते हैं।

यहां तक कि मांसाहार भी इस दुनिया में सभी प्रकार की बीमारियों और युद्ध का कारण है। ये सभी बीमारियाँ हमें चेतावनी देती हैं कि हमें अपने सदगुणों पर वापस जाना चाहिए। जब तक हम यह भूलते हैं, तब तक हम अलग-अलग समय में अलग-अलग बीमारियों में ठोकर खाते हैं। यदि हम इस बीमारी का इलाज करने में सफल होते हैं, तो भगवान एक और निर्माण करते हैं। मेरा मतलब परम ईश्वर नहीं; बल्कि यह कर्म के देवता हैं, यह कर्म के देवता हैं। यह प्रकृति का नियम हैं, कर्म और प्रतिफल का नियम।

(स्वाइन) फ्लू का नब्बे प्रतिशत कारण अप्रत्यक्ष रूप से उस प्रांत के सुअर कारक से संबंधित है; उन्होंने गणना की है, उन्होंने अनुसंधान किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपके देश में, आपके क्षेत्र में बहुत सारे सूअर के कारखाने हैं, तो उस प्रांत में बहुत अधिक होता है, 90% फ्लू महामारी से संबंधित है, और बेशक, वहां से भी फैलता है, लेकिन इसके मूल घर से धीमी गति में, जहां जानवर प्रजनन किये जाते हैं। ठीक है, शायद आप सूअर का मांस पकाते हैं और कहते हैं कि "ठीक है, पकाया हुआ मांस संक्रामक नहीं है," लेकिन ऐसा नहीं। वायरस हवा में सभी जगह उड़ते हैं: और लोगों को प्रभावित करते हैं। खेत में काम करने वाले मजदूर सीधे प्रभावित होते हैं। और उनसे, यह पक्षियों या अन्य जानवरों से मानव और अन्य फ्लू के साथ मिश्रित होता है, और अधिक घातक बन जाता है। और फिर धीरे-धीरे या जल्दी से फैलता है।

मांसाहार के स्वास्थ्य पर जोखिम इन दिनों अधिक स्पष्ट हैं। पशुधन को नियमित रूप से अत्यधिक हार्मोन और एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं, और इसे जब मांस के रूप में सेवन किया जाता है, तो यह बदले में मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है। वधशालाओं में कई विषाक्त बायप्रोडक्ट भी होते हैं जैसे कि अमोनिया और हाइड्रोजन सल्फाइड । इन जहरीले पदार्थों की वजह से अत्यधिक विषाक्तता के कारण श्रमिकों की मौतें हुई हैं।

एक तथाकथित भोजन के रूप में, मांस केवल सबसे अस्वास्थ्यकर, जहरीला, गंदी वस्तुओं में से एक है जिसे मनुष्यों ने खाया है। अगर हम अपने स्वास्थ्य और अपने जीवन को प्यार करते हैं और संजोते हैं तो हमें कभी भी मांस नहीं खाना चाहिए। हम मांस के बिना लंबे समय तक जीवित रहेंगे, स्वस्थ, समझदार रहेंगे बिना मांस के। मांस को वैज्ञानिक रूप से सभी प्रकार के कैंसर, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और मोटापे के कारण के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है। यह सूची निरंतर बढ़ती ही जाती है। ये सभी बीमारियाँ हर साल लाखों लोगों की जान लेती हैं। मांस से संबंधित बीमारियों के कारण लाखों लोग मर जाते हैं, और लाखों अन्य गंभीर रूप से बीमार और विकलांग हो जाते हैं। मांसाहार के कारण होने वाली त्रासदियों का कोई अंत नहीं है। मांस खाना निषिद्ध है। यह अब तक हमें सभी वैज्ञानिक और चिकित्सा प्रमाणों के माध्यम से पता होना चाहिए। कृपया मांस खाना बंद कर दें। भले हि केवल आपके स्वास्थ्य के लिए हो। आप अपने बच्चों और पोतों के लिए लंबे समय तक जीना चाहते हैं, और स्वस्थ रूप से जीना चाहते हैं।
और देखें
सभी भाग  (1/20)
और देखें
नवीनतम वीडियो
35:22

उल्लेखनीय समाचार

107 दृष्टिकोण
2024-12-21
107 दृष्टिकोण
2024-12-21
183 दृष्टिकोण
2024-12-20
460 दृष्टिकोण
साँझा करें
साँझा करें
एम्बेड
इस समय शुरू करें
डाउनलोड
मोबाइल
मोबाइल
आईफ़ोन
एंड्रॉयड
मोबाइल ब्राउज़र में देखें
GO
GO
Prompt
OK
ऐप
QR कोड स्कैन करें, या डाउनलोड करने के लिए सही फोन सिस्टम चुनें
आईफ़ोन
एंड्रॉयड